धर्मेन्द्र साहू
मुम्बई। पारिवारिक फिल्मों व टीवी सीरियलों का महत्व आज भी है और कल भी रहेगा। हंसने-हंसाने के साथ ही ज्ञानवर्धन हो ऐसा हमारी पूरी टीम का उददेश्य है। ये बात कही प्रसिद्ध टीवी सीरियल “चिड़ियाघर“ के निर्देशक उत्तम अहलावत ने।
मुम्बई के गोरेगांव स्थित दादा साहेब फाल्के फिल्म सिटी में चिड़ियाघर के सेट पर एक खास बातचीत में निर्देशक उत्तम अहलावत ने बताया कि “चिड़ियाघर“ का हर कलाकार पूरे दिल से अपने अभिनय को ऐसे दर्शकों के सामने पेश कर रहा है कि वो हम सबके बीच का ही सदस्य हो और यही कारण है कि इसका हर कलाकार देश के हर घर में सबका चहेता हो गया है। दर्शकों ने इस सीरियल को इतना प्यार दिया है कि इस सीरियल ने सफलता भरे पांच साल पूरे कर लिये हैं।
लाइट, कैमरा और एक्शन के बीच उत्तम अहलावत अपनी टेक्निकल टीम एवं कलाकारों के साथ एक मंझे हुये निर्देशक की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। इस युवा निर्देशक से जब इस जज्बे का कारण पूछा तो उन्होंने तपाक से जबाव दिया कि आग सबके अंदर होती है, किसी की जवानी में रंग दिखाती है तो किसी की जवानी के बाद ! बस लगन होनी चाहिये।
चिड़ियाघर के साथ ही उत्तम अहलावत ने ये रिश्ता क्या कहलाता है, इश्क का रंग सफेद, हातिम, अमृम मंथन एवं छनछन जैसे कई चर्चित टीवी सीरियलों का निर्देशन किया है। उनकी व्यवहार कुशलता और टीम भावना के साथ काम करने के नजरिये का ही परिणाम है कि उनके प्रोजेक्ट सफलता के शिखर तक पहुंचते हैं।