कला के प्रति पूर्ण समर्पण से मिलती है सफलता : नीतू पांडेय

कला के प्रति पूर्ण समर्पण से मिलती है सफलता : नीतू पांडेय

( धर्मेन्द्र साहू ) 
मुम्बई। फिल्म इंडस्ट्री में काम पाना, काम करना और काम करते रहना आसान नहीं है लेकिन जिसने अपने आपको तराश लिया और अभिनय की हर बारीकी को समझ लिया  उसके लिये ये सब मुश्किल भी नहीं है। ये कहना है फिल्म एवं टीवी अभिनेत्री नीतू पांडेय का।
खास रिपोर्ट डॉट कॉम से बात करते हुये नीतू पांडेय ने कहाकि हर कार्य में धैर्य होना बहुत जरूरी है। सन 2002 में भारतेन्दु नाटय अकादमी लखनऊ से थियेटर से जुड़ीं नीतू पांडेय ने कई फ्रीलांस थियेटर शो किये हैं। दूरदर्शन के कृषि दर्शन कार्यक्रम में वे बतौर एंकर के रूप में नजर आती थीं। ईटीवी उत्तर प्रदेश के सलाम यूपी जैसे कई शो नीतू ने सफलतापूर्वक किये।
नीतू पांडेय ने तनु वेडस मनु-1 व तनु वेडस मनु-2 फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शोरगुल, बावर एवं फरहान अख्तर की 3 स्टोरी में नीतू ने अभिनय किया है। इनकी फिल्म हम दोनों होंगे कामयाब आगामी अक्टूबर में रिलीज होने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने बालिका वधू सीरियल में मदर का लीड रोल किया है। नीतू पांडेय सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल, प्यार न होगा कम जैसे कई शोज में महत्वपूर्ण किरदार निभा रही हैं।
नीतू का कहना है कि अपने शहर में हर इंसान राजा होता है लेकिन जब आप कुंआ छोड़कर समन्दर में आते हो तब अपनी औकात मालूम पड़ती है। फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले कलाकार को अपनी आर्थिक, मानसिक और शारीरिक स्थिति सुदृढ़ कर लेनी चाहिये अन्यथा संघर्ष के दौरान निराशा हाथ लगती है। उन्होंने कहाकि इधर एक्टिंग में हर चीज आंकी जाती है। उन्होंने कहाकि कई साल थियेटर करने के बावजूद मैंने मुम्बई आकर भी काफी कुछ सीखा। संघर्ष भी बहुत किया लेकिन यदि आप भ्रमित नहीं होते हो तो काम जरूर मिलता है।
उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में आने के लिये मैंने आठ साल तक अपने परिजनों को मनाया तब यहां पहुंची लेकिन सच यही है पर्दे पर आना बड़ी बात होती है। उन्होंने कहाकि कला को तो जिंदगी भर सीखना पड़ता है इसलिये नये लोग अपडेट रहें ताकि डिप्रेशन का शिकार न होना पडे़।

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