( धर्मेन्द्र साहू )
मुम्बई। बचपन में 15 अगस्त और 26 जनवरी को जब स्कूल में कोई शो करते थे तो लगता था कि एक दिन मैं भी टेलीविजन पर जरूर एक्टिंग करूंगा और आज भगवान भोलेबाबा की कृपा से पर्दे पर अच्छा काम करने का मौका मिल रहा है। ये बात कही प्रसिद्ध टीवी शो चिड़ियाघर में कपि का रोल निभा रहे सारांश वर्मा ने। उन्होंने कहाकि ‘चिड़ियाघर’ हमारा एक परिवार बन गया है और इसके साथ काम करने का अनुभव कभी नहीं भुला पायेंगें।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर के रहने वाले सारांश वर्मा एक किसान परिवार से हैं हालांकि इनके पिता इंद्रेश वर्मा शिक्षा जगत से जुड़े हैं और सीतापुर में कॉलेज संचालित करते हैं। सारांश ने बताया कि बचपन में जब टीवी देखते थे तो लगता था कि मैं भी एक दिन एक्टर बनूंगा। इसी चाहत मे जी एक्टिंग स्कूल ज्वाइन किया जहां प्रसिद्ध कलाकार रजा मुराद व गूफी पेंटल साहब का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।
उन्होंने बताया कि मुम्बई में जब कहीं ऑडीशन देने गये तो रिजेक्ट कर दिये गये । कास्टिंग डायरेक्टर कहते कि तुम्हारा लुक नहीं है, लेकिन निराश नहीं हुआ और फिर भोलेबाबा की कृपा हुई नतीजतन स्टार वन के ‘रंग बदलती ओढ़नी में’ अभिनय का मौका मिला। स्टार प्लस के ‘संगम’ में भी अच्छी भूमिका निभाई और जब टीवी पर अपने आपको देखा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उन्होंने बताया कि माता-पिता के आर्शीवाद से चिड़ियाघर सीरियल में ‘कपि’ की भूमिका निभाने का मिला और छह साल से इस शो से जुड़ा हॅूं । उन्होंने कहाकि बच्चे मेरा रोल पसंद करते हैं इससे दिली सुकून मिलता है। उन्होंने बताया कि ‘चिड़ियाघर’ एक परिवार बन गया है और इसके साथ काम करने का अनुभव जीवन भर नहीं भुला पाऊंगा।