राइटिंग पर ही ज्यादा फोकस : दीपक डोगरा

राइटिंग पर ही ज्यादा फोकस : दीपक डोगरा

धर्मेन्द्र साहू
मुम्बई। फिल्मी दुनिया का सफर बड़ा ही निराला है। यहां व्यक्ति का नहीं बल्कि कला का महत्व है। मैं फिल्मी दुनिया में लिखने आया था इसलिये लेखन पर ही फोकस कर रहा हॅूं । ये कहना है दीपक डोगरा का, जो इन दिनों एनीमेशन फिल्मों के साथ ही शॉर्ट फिल्में भी लिख रहे हैं।
हरियाणा के फरीदाबाद निवासी दीपक डोगरा को शुरू से ही लेखन का शौक है। इन्होंने आतंकवाद पर आधारित पुस्तक ‘मैं राशिद पाकिस्तानी’ लिखी  है ये किताब शिल्पयान प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित की जा रही है । आतंकवाद के मुददे को इस पुस्तक में प्रमुखता से उठाया गया है।
दीपक ने दिल्ली में एक थियेटर शो का निर्देशन किया है और एक बड़ी कम्पनी के विज्ञापन का भी निर्देशन किया है। हालांकि मुम्बई आने पर इनका पूरा फोकस राइटिंग पर है। ऑल इंडिया रेडियो के ‘युवावाणी’ कार्यक्रम की स्क्रिप्टिंग और एंकरिंग की जिम्मेवारी दीपक निभा चुके हैं। कारगिल युद्ध पर आधारित एक नाटक भी दीपक लिख चुके हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों मे वे खुद की लिखी स्क्रिप्ट पर फिल्म का निर्देशन करेंगे।
दीपक अभी वेब मीडिया के लिये बच्चों पर आधारित कविताऐं और गीत लिख रहे हैं। एनीमेशन फिल्म ‘बाल गणेश’ और ‘स्मॉल हाउस’ इन्होंने लिखी हैं। ये फिल्में जल्द ही दर्शकों के सामने होंगी। दीपक कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में स्थिरता नहीं है इसलिये साथ में कुछ अच्छे विकल्प भी होना जरूरी है ताकि आर्थिक संकट न खड़ा हो । उन्होंने कहा कि नये लेखक यहां आते हैं और अपनी कहानी किसी को भी बता देते हैं नतीजा ये होता है कि लोग कहानी तो यूज कर लेते हैं लेकिन लेखक को कुछ मिलता नहीं है । दीपक कहते हैं कि यहां सीमा पर जवान की तरह मुस्तैद रहने की जरूरत है। अवचेतन का यहां कोई काम नहीं है।

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