मुम्बई। अभिनय की दुनिया में मुकाम बना चुके आरिफ शहडौली की कला का जादू बढ़ता ही चला जा रहा है। कभी हास्य अभिनेता के रूप में वे पर्दे पर नजर आते हैं तो कभी चरित्र भूमिका को वे जीवंत कर देते हैं। इसके साथ ही आरिफ साहित्य जगत से भी ताल्लुक रखते हैं। उनकी कहानी और कविताओं का संग्रह अदभुत है। आरिफ शहडौली की कविताओं और उनके जीवन के अनुभवों को अब ई-बुक के जरिये पढ़ा जा सकता है।
बुंदेलखंड के झांसी से ताल्लुक रखने वाले आरिफ शहडौली की पहचान रंगकर्मी के रूप में तो है ही लेकिन उन्होंने अपने अंदर के कलाकार को सिनेमा और टेलीविजन पर भी प्रस्तुत कर अहम मुकाम हासिल किया। दर्जनों टीवी सीरियल और फिल्मों में अपनी पैनी अभिनय कला के जरिये आरिफ बॉलीवुड में अपना खास स्थान बना चुके हैं। आरिफ को साहित्य से बेइंतेहां मोहब्बत है। उनके द्वारा लिखी गई कहानियां अनूठी हैं। समसामायिक विषयों पर लिखी उनकी कविताऐं अर्न्तमन को छू जाती हैं।
आरिफ की निजी जिंदगी के अनुभवों से निकलीं कविताऐं अब पुस्तक का रूप ले चुकी हैं। तेजस्वनी प्रकाशन ने आरिफ शहडौली की कविताओं को “दिल से निकली बात” शीर्षक के जरिये ई-बुक के माध्यम से पेश किया है। जिसे https://issuu.com/284353/docs/1111111 लिंक के जरिये पढ़ा जा सकता है।
किसका दाना-पानी कहां लिखा है, ये आज तक नहीं किसी को दिखा है
सत्य का राजा कहलाया था जो , एक दिन वो भी चौराहे पर बिका है
और
कोई मछलियां को दाना खिलाता , कोई मछलियां को ही खाता है
जब एक है विधाता , तो ये दो चेहरे क्यों बनाता है।
जैसी कविताओं के जरिये आरिफ ने जिंदगी के वास्तविक अनुभवों को बयां किया है।
इसके साथ ही तेजस्वनी प्रकाशन ने आरिफ के जीवन पर आधारित पुस्तक “रोम-रोम में कला” लिंक –https://issuu.com/284353/docs/arif_bhai को ई-बुक के जरिये प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक का संपादन कुशलता के साथ पारसमणि अग्रवाल ने किया है।
पिछले दिनों लखनऊ में वरिष्ठ कथाकार महेन्द्र भीष्म, अभिनेता अमरनाथ कुशवाहा, ओ.पी.श्रीवास्तव, लक्ष्मीनारायण शर्मा आदि की मौजूदगी में दिल से निकली बात और रोम-रोम में कला का विमोचन एक समारोह में किया गया । उल्लेख्नीय है कि “रोम-रोम में कला” में आरिफ शहडौली ने मशहूर फिल्म निर्देशक मणिरत्नम, अश्वनी धीर, अरविन्द बब्बर, राजा बुंदेला, विशाल भारद्वाज, राम बुंदेला, रॉलेण्ड जैफी, अनिल दुबे, प्रशांत पचौरी आदि दिग्गजों के साथ अभिनय के अनुभवों को साझा किया है।