पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिशन सिंह उस व्यक्तित्व के धनी हैं जिसे हरदिल अज़ीज कहा जाता है। उनकी शख्सियत और व्यवहार कुशलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे हैं तो उत्तर प्रदेश के झांसी निवासी बावजूद इसके वे मध्य प्रदेश के दतिया में तीन बार जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। राजनीति से इतर सामाजिक सरोकारो से ज्यादा ताल्लुक रखने वाले बिशन सिंह से हमने स्मार्ट सिटी के रूप में झांसी को और विकसित करने को लेकर चर्चा की। पेश है बातचीत के खास अंश।
झांसी। देश के चुनिंदा शहरों में से झांसी को भी स्मार्ट सिटी के लिये चयनित किया गया है। स्मार्ट सिटी को लेकर शासन-प्रशासन की सक्रियता भी शुरू हो गई है। झांसी को स्मार्ट बनाने को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिशन सिंह ने कहाकि स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने हेतु झांसी में रोजगार का सृजन भी जरूरी है। उन्होंने कहाकि जितने भी विकसित शहर हैं वहां युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है।
खास रिपोर्ट डॉट कॉम से बातचीत करते हुये बिशन सिंह ने कहाकि स्मार्ट तो हम तब बनेंगे जब हमारे पास रोजगार के संसाधन हों। झांसी बुंदेलखंड का प्रमुख केन्द्र है और आजादी के बाद से यहां आज तक कोई बड़े रोजगार के साधन विकसित नहीं हुये नतीजतन यहां का पढ़ा-लिखा नौजवान मुम्बई, दिल्ली और बैंगलोर आदि शहरों में जाकर नौकरी कर उन शहरों को स्मार्ट बना रहा है। जब यहां का शिक्षित युवा यहीं रहेगा तो जाहिर तौर पर यहां का माहौल बदलेगा और लोगों की सोच भी स्मार्ट बनेगी। उन्होंने कहाकि जब सोच स्मार्ट होगी तब शहर भी तेजी से स्मार्ट होगा।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिशन सिंह ने कहा कि स्वच्छता को लेकर केवल सरकारी प्रयास ही काफी नहीं होंगे बल्कि यहां के लोगों को जागरूक होना पड़ेगा । हर व्यक्ति अपने आस-पास जब स्वच्छता रखने लगेगा तो शहर भी स्वच्छ हो जायेगा। उन्होंने कहाकि हम सुधरेंगे-जग सुधरेगा की भावना को प्रबल कर हम अपने शहर को सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं।
श्री सिंह ने कहाकि शहर में हर जगह लगभग 200 मीटर की दूरी पर कूड़ेदान लगाये जाने चाहिये । साथ ही आवारा जानवरों की धर-पकड़कर की जानी चाहिये । शहर में पार्किंग की व्यवस्था होने से बेतरतीब खड़े होने वाले वाहनों की समस्या से निजात मिल सकता है। उन्होनें कहाकि अभी शहर में जो सार्वजनिक टॉयलेट बनाये गये हैं वो गंदगी से पटे पड़े रहते हैं, उनके स्थान पर मॉडर्न पद्धति पर आधारित बड़े टॉयलेट बनाये जाने चाहिये।
उन्होंने कहाकि यदि यहां के लोग सकारात्मक भाव के साथ प्रशासन के साथ खुद भी स्मार्ट बनकर पहल करें तो निश्चित तौर पर झांसी देश का सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट शहर बन सकता है।