धर्मेन्द्र साहू
झांसी । पृथक बुंदेलखंड राज्य के नाम कई राजनैतिक दल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन धरातल पर बुंदेलखंड में होता कुछ नहीं हैं कि क्योंकि कुछ दलों की नीयत साफ नहीं है। ये बात कही राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ के निदेशक व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ युवा नेता यशपाल यादव ने ।
खास रिपोर्ट डॉट कॉम से खास बातचीत में यशपाल यादव ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं छोटे राज्यों का पक्षधर हूॅं। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सरकार के रहते जितने विकास कार्य बुंदेलखंड में किये हैं शायद ही उनके पहले यहां किसी ने ऐसे कार्य किये हों और ऐसा नहीं है कि वे पृथक बुंदेलखंड राज्य के विरोधी हों, उनकी अवधारणा ये थी कि पहले इस क्षेत्र का वास्तविक विकास हो।
यशपाल ने कहाकि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आने के पहले पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिये बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी। उनके नेता केन्द्र में सरकार बनने पर तीन साल के अंदर राज्य बनाने की बातें कर रहे थे लेकिन किया कुछ नहीं क्योंकि राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी है। उन्होंने कहाकि अब तो केन्द्र में यूपी और एमपी में भी बीजेपी की सरकार है । अब क्यों राज्य बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही है? उन्होंने कहाकि यहां की भोली-भाली जनता को बरगलाने का काम ही अब तक ऐसे दल करते रहे हैं।
उन्होंने कहाकि यहां राजस्व की कमी नहीं है। उत्तराखंड से ज्यादा संसाधन बुंदेलखंड में हैं। यहां खनिज, पर्यटन और नदियां है, पावर के क्षेत्र में भी ये क्षेत्र मजबूत है। भौगोलिक दृष्टि से भारत का हृदय है बुंदेलखंड । नॉर्थ-ईस्ट, वेस्ट-साउथ रोड कॉरीडोर यहां से निकलता है। झांसी में ग्रोथ सेंटर है लेकिन उसमें सुविधाएें नहीं है। व्यापार की अच्छी संभावनाऐं हैं लेकिन व्यापारी सुविधाओं के अभाव में यहां आना नहीं चाहते। स्किल डेवलपमेंट के लिये सरकार की कोई नीति यहां नहीं है।
उन्होंने कहाकि तेलंगाना को लेकर जब राजनीतिक इच्छाशक्ति जागी तो रातोंरात राज्य बन गया लेकिन बुंदेलखंड को लेकर सरकार उदासीन बनी है। यहां के लोग 12 साल से सूखा झेल रहे हैं, किसान आत्महत्याऐं कर रहे हैं। रोजगार के अभाव में हजारों लोग रोज पलायन कर रहे हैं लेकिन इन मुददों का लाभ भी कुछ दल वोटों के लिये कर रहे हैं। यशपाल ने कहाकि बुंदेलखंड के नाम पर आंदोलन करने वालों को एक मंच पर आकर आवाज उठानी होगी । उन्होंने कहाकि राजनीति से उपर उठकर वे छोटे राज्यों का समर्थन करते हैं क्योंकि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है।