सफलता के लिये पेशेंस तो रखना ही पड़ता है : अपर्णा गोखले

सफलता के लिये पेशेंस तो रखना ही पड़ता है : अपर्णा गोखले

धर्मेन्द्र साहू
मुम्बई। बात चाहे एक्टिंग की हो या फिर किसी अन्य विधा की, सफलता के लिये पेशेन्स तो रखना ही पड़ता है । सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपने कितने मनोयोग से मेहनत की है। ये बात कही सोनी टीवी पर प्रसारित सीरियल ‘मेरे साई’ में भामा का किरदार निभा रही अपर्णा गोखले ने।
महाराष्ट्र के पुणे निवासी अनंत गोखले व श्रीमती अनुपमा के घर जन्मीं अपर्णा गोखले को बचपन से ही पारम्परिक नृत्यों और अभिनय के प्रति रूचि थी। स्कूल और कॉलेज में भी वे डांस के कार्यक्रमों में हिस्सा लेतीं रहीं। भरतनाट्यम गुरू सुचेता भिड़े के मार्गदर्शन में उन्होंने पूरी शिददत से भरतनाटयम में प्रवीणता हासिल की। साथ ही डांस विषय के साथ पोस्ट ग्रेजुएट किया। पुणे यूनीवर्सिटी के ललित कला केन्द्र से उन्होंने रंगमंच की डिग्री हासिल की। थियेटर में भी उनके अभिनय को तालियां मिलने लगीं। अपर्णा मानती हैं कि थियेटर उनका पहला प्यार है.
अपर्णा का रूझान डांस और एक्टिंग की ओर बढ़ता जा रहा था लेकिन उनके परिजन इससे इत्तेफाक नहीं रखते थे। उनका मानना था कि इसके जरिये कैरियर बना पाना मुश्किल है लेकिन अपर्णा की जिद के आगे पिताजी ने मंजूरी दे दी। फिर क्या था अपर्णा गोखले को तो मानों पंख मिल गये। उन्होंने मराठी टेलीविजन की ओर कदम बढ़ाये नतीजतन उन्हें अच्छे रोल मिलना शुरू हो गये। कई प्रसिद्ध सीरियलां में काम करने के बाद उन्हें सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहे मशहूर सीरियल ‘मेरे साई’ में ‘भामा’ का किरदार निभाने का मौका मिला। मराठी परिवेश की ‘भामा’ का अभिनय दर्शकों को बेहद पसंद भी आ रहा है।
दर्शकों का शुक्रिया अदा करते हुये अपर्णा कहती हैं कि मेरे हिन्दीभाषी अभिनय को दर्शकों ने जो प्यार दिया है वो मेरे लिये बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि अभिनय को कला की एक साधना के रूप में किया जाये तो निश्चित रूप से उसका फल मिलता ही है । उन्होंने कहाकि एक्टिंग का आधार थियेटर होता है और एक रंगकर्मी की जो सांसे हैं वे दर्शकों के प्यार पर टिकी होती हैं। उन्होंने कहाकि अभिनय का क्षेत्र हो अन्य कोई विधा सबमें सफलता के लिये परिश्रम तो करना ही होता है लेकिन पेशेंस रखना बहुत जरूरी होता है।

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